गौरीफंटा बार्डर बन्द होने का समय बढ़ाने की मांग
आठ बजे ही बन्द कर दिया जाता है गौरीफंटा का इण्डो-नेपाल बार्डर, लोगों को हो रहीं परेशानियां

गौरीफंटा बार्डर बन्द होने का समय बढ़ाने की मांग
रात आठ बजे ही बन्द कर दिया जाता है गौरीफंटा का इण्डो-नेपाल बार्डर, लोगों को हो रहीं परेशानियां
(निर्जेश मिश्र “सम्पादक”)

12/05/2025
पलिया क्षेत्र के गौरीफंटा में स्थित भारत-नेपाल सीमा बन्द करने के समय में बढ़ोत्तरी करने की मांग की गयी है। आठ बजे बार्डर बन्द होने से लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बता दें कि लखनऊ एवं दिल्ली आदि जगहों से नेपाली नागरिकों की वापसी अधिकांश शाम के समय में ही होती है। उधर गौरीफंटा में भारत-नेपाल की सीमा रात आठ बजे बन्द कर दी जाती है।
बार्डर पर समय से पहुंचने की वजह से नेपाली नागरिक वाहनों को काफी तेज गति से दौड़ाते हैं। पलिया से गौरीफंटा तक जाने वाली रोड काफी पतली है और रोड की दोनों साइडें गड्ढायुक्त हैं।
एक-दूसरे से साइड लेने के कारण रोड के नीचे उतरने से वाहन पलट जाते हैं। जिससे बड़े हादसे हो जाते हैं। 11 मई को भी कुछ ऐसा ही हुआ। कुछ नेपाली नागरिक बार्डर बन्द होने की वजह से तेज स्पीड में जा रहे थे। बीच जंगल में पहुंचते ही साइड लेने के कारण उनकी एक अज्ञात चौपहिया वाहन से जबर्दस्त टक्कर हो गयी, जिससे एक नेपाली नागरिक की मौके पर ही मौत हो गयी। सोमवार को गौरीफंटा बार्डर पर मिले नेपाली नागरिक अमर, मनोज खड्गा, ओमप्रकाश अग्रवाल, महेश मेहरा, दीपक राई, दीपक सिंह एवं कमल राना ने बताया कि भारत-नेपाल के कुछ बार्डर जैसे सनौली, रुपैडिहा, बढ़नी एवं रक्सौल रात के दस बजे बन्द किए जाते हैं।
लोगों का कहना है कि गौरीफंटा बार्डर का भी समय बढ़ाकर 08:00 से 10:00 बजे किया जाए, ताकि लोग सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें।





